Shrikant Verma

बुख़ार में कविता I Shrikant Verma I Poetry

0

बुख़ार में कविता I श्रीकांत वर्मा मेरे जीवन में एक ऐसा वक्त आ गया हैजब खोने कोकुछ भी नहीं है मेरे पास –दिन, दोस्ती, रवैया,राजनीति,गपशप, घासऔर...