भटकाव I Hemant Parihar I Poetry
0भटकाव । हेमन्त परिहार भटकाव मंज़िल के करीब पहुँचने का पहला रास्ता है,जब तक आप भटकना नहीं जानतेतब तक ठहराव को भी जान पाना मुश्किल है।...
भटकाव । हेमन्त परिहार भटकाव मंज़िल के करीब पहुँचने का पहला रास्ता है,जब तक आप भटकना नहीं जानतेतब तक ठहराव को भी जान पाना मुश्किल है।...
मुझे चाहिए । अशोक वाजपेयी मुझे चाहिए पूरी पृथ्वीअपनी वनस्पतियों, समुद्रोंऔर लोगों से घिरी हुई,एक छोटा-सा घर काफ़ी नहीं है। एक खिड़की से मेरा काम नहीं...
Legendary Folk Singer Padma Shri Malini Awasthi interview with Vijit Singh. In this interview Malini Awasthi talks about her connections with various cities like Mirzapur, Gorakhpur,...
कितने दिन और बचे हैं । अशोक वाजपेयी कोई नहीं जानता किकितने दिन और बचे हैं? चोंच में दाने दबाएअपने घोंसले की ओरउड़ती चिड़िया कब सुस्ताने...
एक कबूतर चिट्ठी लेकर पहली-पहली बार उड़ा I दुष्यंत कुमार एक कबूतर चिठ्ठी ले कर पहली—पहली बार उड़ा मौसम एक गुलेल लिये था पट—से नीचे आन...
आदमी का गाँव । आदर्श भूषण हर आदमी के अंदर एक गाँव होता हैजो शहर नहीं होना चाहताबाहर का भागता हुआ शहरअंदर के गाँव को बेढंगी...
अपने घर की तलाश में । निर्मला पुतुल अंदर समेटे पूरा का पूरा घरमैं बिखरी हूँ पूरे घर में पर यह घर मेरा नहीं है बरामदे...
बुख़ार में कविता I श्रीकांत वर्मा मेरे जीवन में एक ऐसा वक्त आ गया हैजब खोने कोकुछ भी नहीं है मेरे पास –दिन, दोस्ती, रवैया,राजनीति,गपशप, घासऔर...
एक खिड़की I अशोक वाजपेयी मौसम बदले, न बदलेहमें उम्मीद कीकम से कमएक खिड़की तो खुली रखनी चाहिए। शायद कोई गृहिणीवसंती रेशम में लिपटीउस वृक्ष के...
मुलाक़ातें I आलोक धन्वा अचानक तुम आ जाओ इतनी रेलें चलती हैंभारत में कभी कहीं से भी आ सकती होमेरे पास कुछ दिन रहना इस घर...