माँ I Samriddhi I Poetry Home Articles / Shorts October 17, 2024 Vijit Singh 0 माँ । Poetry I समृद्धि माँ तुम्हेंकुछ कम माँ होना चाहिए था ताकि तुम्हारे हिस्से आ पाती थोड़ी ज़्यादा नींद,कुछ कम थकान,थोड़ा लम्बा वसंतऔर ज़रा देर से बुढ़ापा, पर तुमने हर बार चुना अपनी क्षमता से कहीं ज़्यादा माँ होना। समृद्धि । Samriddhi I Poetry Poetry I Vijit Singh Studio Spread the love