मुट्ठी से सरकता जीवन I Abhishek Shukla I Poetry
0मुट्ठी से सरकता जीवन । अभिषेक शुक्ल मुट्ठी में बंद रेतधीरे-धीरे सरकने लगती है और एक वक़्त के बाद हम अपनी खाली मुट्ठी लिए बैठे रह...
मुट्ठी से सरकता जीवन । अभिषेक शुक्ल मुट्ठी में बंद रेतधीरे-धीरे सरकने लगती है और एक वक़्त के बाद हम अपनी खाली मुट्ठी लिए बैठे रह...