तुम चले जाओगे I Poetry I Ashok Vajpeyi I Vijit Singh
0Tum Chale Jaoge I तुम चले जाओगे Written by Ashok Vajpeyi I कवि : अशोक वाजपेयीPoetry recite by Vijit Singh I काव्य पाठ : विजित सिंह Watch...
Tum Chale Jaoge I तुम चले जाओगे Written by Ashok Vajpeyi I कवि : अशोक वाजपेयीPoetry recite by Vijit Singh I काव्य पाठ : विजित सिंह Watch...
मुझे चाहिए । अशोक वाजपेयी मुझे चाहिए पूरी पृथ्वीअपनी वनस्पतियों, समुद्रोंऔर लोगों से घिरी हुई,एक छोटा-सा घर काफ़ी नहीं है। एक खिड़की से मेरा काम नहीं...
कितने दिन और बचे हैं । अशोक वाजपेयी कोई नहीं जानता किकितने दिन और बचे हैं? चोंच में दाने दबाएअपने घोंसले की ओरउड़ती चिड़िया कब सुस्ताने...
एक खिड़की I अशोक वाजपेयी मौसम बदले, न बदलेहमें उम्मीद कीकम से कमएक खिड़की तो खुली रखनी चाहिए। शायद कोई गृहिणीवसंती रेशम में लिपटीउस वृक्ष के...