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माँ I Samriddhi I Poetry

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माँ । Poetry I समृद्धि माँ तुम्हेंकुछ कम माँ होना चाहिए था ताकि तुम्हारे हिस्से आ पाती थोड़ी ज़्यादा नींद,कुछ कम थकान,थोड़ा लम्बा वसंतऔर ज़रा देर...

भटकाव I Hemant Parihar I Poetry

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भटकाव । हेमन्त परिहार भटकाव मंज़िल के करीब पहुँचने का पहला रास्ता है,जब तक आप भटकना नहीं जानतेतब तक ठहराव को भी जान पाना मुश्किल है।...

मुझे चाहिए । Ashok Vajpeyi I Poetry

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मुझे चाहिए । अशोक वाजपेयी मुझे चाहिए पूरी पृथ्वीअपनी वनस्पतियों, समुद्रोंऔर लोगों से घिरी हुई,एक छोटा-सा घर काफ़ी नहीं है। एक खिड़की से मेरा काम नहीं...